मोहम्मद बिन तुगलक की नीतियाँ और असफलताएँ | Muhammad Bin Tughlaq Ki Nitiyaan Aur Asafaltaen


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तुगलक वंश: मोहम्मद बिन तुगलक और फिरोज शाह तुगलक


Sabka Exam पे आज हम तुगलक वंश (Tughlaq Dynasty) और इसके दो प्रमुख शासकों मोहम्मद बिन तुगलक और फिरोज शाह तुगलक के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। तुगलक वंश ने 1320 से 1414 ईस्वी तक दिल्ली सल्तनत पर शासन किया। इस दौरान मोहम्मद बिन तुगलक और फिरोज शाह तुगलक ने कई महत्वपूर्ण सुधार और परियोजनाएँ शुरू कीं, जिन्होंने सल्तनत के इतिहास को गहराई से प्रभावित किया। तो चलिए, विस्तार से समझते हैं।

 

तुगलक वंश का संक्षिप्त परिचय | Tughlaq Vansh Ka Sankshipt Parichay

 

तुगलक वंश की स्थापना ग़यासुद्दीन तुगलक ने 1320 ईस्वी में की थी। यह वंश 1320 से 1414 ईस्वी तक चला और इस दौरान दिल्ली सल्तनत ने अपने चरम पर पहुँचा। मोहम्मद बिन तुगलक और फिरोज शाह तुगलक इस वंश के सबसे प्रसिद्ध शासक थे।

 

मोहम्मद बिन तुगलक | Muhammad Bin Tughlaq

 

1. प्रारंभिक जीवन और सत्ता में आना | Praarambhik Jeevan Aur Satta Mein Aana

 

मोहम्मद बिन तुगलक का जन्म ग़यासुद्दीन तुगलक के यहाँ हुआ था। उन्होंने अपने पिता के शासनकाल में सैन्य और प्रशासनिक अनुभव प्राप्त किया। 1325 ईस्वी में, ग़यासुद्दीन तुगलक की मृत्यु के बाद, मोहम्मद बिन तुगलक ने सत्ता संभाली।

 

2. शासनकाल की प्रमुख घटनाएँ | Shasankal Ki Pramukh Ghataen

 

मोहम्मद बिन तुगलक का शासनकाल (1325–1351 ईस्वी) दिल्ली सल्तनत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। उन्होंने कई महत्वपूर्ण नीतियाँ और परियोजनाएँ शुरू कीं, लेकिन इनमें से कई असफल रहीं।

 

राजधानी परिवर्तन (दौलताबाद): मोहम्मद बिन तुगलक ने दिल्ली से दौलताबाद (देवगिरि) को राजधानी बनाने का निर्णय लिया। यह निर्णय असफल रहा और जनता को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।


टोकन मुद्रा (तांबे के सिक्के): उन्होंने तांबे के सिक्के चलाए, लेकिन यह नीति भी असफल रही क्योंकि नकली सिक्के बनाने लगे।


कृषि सुधार: उन्होंने कृषि को बढ़ावा देने के लिए कई सुधार किए, लेकिन इन सुधारों को सही ढंग से लागू नहीं किया गया।


3. मोहम्मद बिन तुगलक की विरासत | Muhammad Bin Tughlaq Ki Virasat

 

मोहम्मद बिन तुगलक को एक विद्वान और प्रगतिशील शासक माना जाता है, लेकिन उनकी नीतियाँ अक्सर असफल रहीं। उनके शासनकाल में सल्तनत की आर्थिक और प्रशासनिक स्थिति कमजोर हो गई।

 

फिरोज शाह तुगलक | Firoz Shah Tughlaq

 

1. प्रारंभिक जीवन और सत्ता में आना | Praarambhik Jeevan Aur Satta Mein Aana

 

फिरोज शाह तुगलक का जन्म ग़यासुद्दीन तुगलक के भाई रजब के यहाँ हुआ था। 1351 ईस्वी में, मोहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु के बाद, फिरोज शाह तुगलक ने सत्ता संभाली।

 

2. शासनकाल की प्रमुख घटनाएँ | Shasankal Ki Pramukh Ghataen

 

फिरोज शाह तुगलक का शासनकाल (1351–1388 ईस्वी) दिल्ली सल्तनत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। उन्होंने कई महत्वपूर्ण सुधार और परियोजनाएँ शुरू कीं, जिन्होंने सल्तनत की स्थिति को सुधारने में मदद की।

 

प्रशासनिक सुधार: फिरोज शाह तुगलक ने एक मजबूत प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित की। उन्होंने इक्ता प्रणाली को और मजबूत किया और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए।


सार्वजनिक कार्य: उन्होंने कई सार्वजनिक कार्य शुरू किए, जैसे सड़कों, नहरों, और अस्पतालों का निर्माण। उन्होंने जौनपुर और फिरोजाबाद जैसे नए शहरों की स्थापना की।


शिक्षा और संस्कृति: फिरोज शाह तुगलक ने शिक्षा और संस्कृति को प्रोत्साहन दिया। उन्होंने कई मदरसों और पुस्तकालयों का निर्माण करवाया।


तुगलक वंश की विरासत और ऐतिहासिक महत्व | Tughlaq Vansh Ki Virasat Aur Aitihasik Mahatva

 

फिरोज शाह तुगलक ने दिल्ली सल्तनत को एक मजबूत और स्थिर राज्य के रूप में स्थापित किया। उनके शासनकाल में हुए प्रशासनिक और सांस्कृतिक सुधारों ने सल्तनत की नींव को मजबूत किया।

 

निष्कर्ष | Nishkarsh

 

तुगलक वंश ने दिल्ली सल्तनत को एक छोटे राज्य से एक विशाल साम्राज्य में बदल दिया। मोहम्मद बिन तुगलक और फिरोज शाह तुगलक के शासनकाल में हुए प्रशासनिक और सांस्कृतिक सुधारों ने सल्तनत की नींव को मजबूत किया। उनकी विरासत आज भी भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखती है।

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