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अशोक का शासन और कलिंग युद्ध ने भारत के इतिहास को कैसे बदला?
मौर्य साम्राज्य के महान सम्राट अशोक (268-232 ईसा पूर्व) भारतीय इतिहास के सबसे प्रभावशाली शासकों में से एक थे। उनका शासनकाल राजनीतिक, सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण था। अशोक की नीतियों और युद्धों ने भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव डाला।
अशोक और कलिंग युद्ध: विजय से शांति की ओर
अशोक के प्रारंभिक वर्षों में उनका शासन विस्तारवादी नीति पर आधारित था। उन्होंने कलिंग पर आक्रमण किया, जो कि वर्तमान उड़ीसा राज्य में स्थित था। कलिंग युद्ध (261 ईसा पूर्व) इतिहास के सबसे विनाशकारी युद्धों में से एक था। इस युद्ध में हजारों सैनिक और नागरिक मारे गए। युद्ध के बाद, अशोक ने युद्ध के भयावह परिणामों को महसूस किया और अहिंसा तथा बौद्ध धर्म की ओर मुड़ गए। उन्होंने युद्ध नीति को त्यागकर धम्म नीति को अपनाया।
अशोक की धम्म नीति: एक नई विचारधारा की शुरुआत
कलिंग युद्ध के बाद, अशोक ने 'धम्म' (नीति) को अपनाया, जिसमें अहिंसा, धार्मिक सहिष्णुता और प्रजा के कल्याण पर जोर दिया गया। धम्म नीति में निम्नलिखित तत्व शामिल थे:
1.
अहिंसा का पालन: अशोक ने हिंसा का त्याग किया और जीवों के प्रति करुणा का संदेश दिया।
2.
धार्मिक सहिष्णुता: उन्होंने सभी धर्मों का सम्मान किया और उनके अनुयायियों को स्वतंत्रता दी।
3.
न्याय और प्रशासन में सुधार: उन्होंने अपने प्रशासनिक अधिकारियों को प्रजा की भलाई के लिए कार्य करने का निर्देश दिया।
4.
सामाजिक कल्याण: सड़कों, कुओं, धर्मशालाओं और चिकित्सालयों का निर्माण कराया।
अशोक के शिलालेख और स्तंभ: संदेशों का प्रसार
अशोक ने अपने विचारों को फैलाने के लिए पत्थरों और स्तंभों पर शिलालेख अंकित करवाए। इन शिलालेखों में उन्होंने अपनी धम्म नीति, नैतिक मूल्यों और प्रशासनिक आदेशों का उल्लेख किया। उनके कुछ प्रसिद्ध स्तंभ निम्नलिखित हैं:
1.
सारनाथ स्तंभ: जिसमें अशोक चक्र उकेरा गया, जो आज भारत के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में मान्य है।
2.
गिरनार शिलालेख: जिसमें अशोक की सामाजिक और धार्मिक नीतियों का वर्णन है।
3.
रुम्मिनदेई स्तंभ: जिसमें बुद्ध के जन्मस्थान लुंबिनी का उल्लेख है।
बौद्ध धर्म को संरक्षण और वैश्विक प्रसार
अशोक ने बौद्ध धर्म को पूरे भारत और विदेशों में फैलाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए:
1.
बौद्ध संघों को आर्थिक सहायता दी।
2.
अपने पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा को श्रीलंका बौद्ध धर्म प्रचार के लिए भेजा।
3.
भारत, श्रीलंका, अफगानिस्तान, मिस्र, ग्रीस और अन्य देशों में बौद्ध धर्म का प्रचार किया।
निष्कर्ष
अशोक भारतीय इतिहास में एक महान और आदर्श शासक माने जाते हैं। उन्होंने अपने शासनकाल में युद्ध से शांति की ओर एक क्रांतिकारी परिवर्तन किया और अपनी धम्म नीति द्वारा भारतीय समाज में नैतिकता, अहिंसा और धार्मिक सहिष्णुता की नई परिभाषा स्थापित की। उनके शिलालेख और स्तंभ आज भी उनकी महानता और उनके द्वारा किए गए सामाजिक सुधारों की गवाही देते हैं। उनका योगदान भारत ही नहीं, बल्कि पूरे एशिया के सांस्कृतिक इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।